Wednesday, September 25, 2019

हाऊडी मोदी: क्या हक़ीक़त क्या फ़साना

हाऊडी मोदी के राजनैतिक प्रभाव दूरगामी होंगे  

हाऊडी का अर्थ है 'आप कैसे हैं' व टेक्सेस में आयोजित कार्यक्रम का नाम भी नरेंद्र मोदी के अभिवादन स्वरूप हाऊडी मोदी रखा गया। यह कार्यक्रम एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम हॉस्टन में इस रविवार को आयोजित हुआ।
पोप के बाद, यह आयोजन अमेरिका में हुआ अब तक का सबसे बड़ा आयोजन रहा जिसमें विदेशी प्रतिनिधि शामिल थे। कार्यक्रम के पूर्व 50000 भारतीय अमेरिकियों ने इसके लिए अपने टिकट ले लिए थे।
एन आर जी स्टेडियम की क्षमता 72000 लोगों की है। यह यूएस डॉलर 352 मिलियन की लागत से बनाया गया था। इस स्टेडियम में टेलर स्विफ्ट, बेयोंसे, गंस एंड रोजेस बैंड जैसे कलाकार पहले अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समारोह के लिए चुना गया।
यह समारोह नरेंद्र मोदी के पूर्व समारोह मैडिसन स्क्वायर से भी ज्यादा बड़ा माना जा रहा है जो कि मोदी ने पहली बार निर्वाचित होने के बाद अमेरिका में किया था।
इस समारोह और मोदी के अमेरिका दौरे की खास बात यह रही कि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने हाऊडी मोदी कार्यक्रम में शिरकत की व भाषण दिया।
इस पूरे आयोजन में लगभग 50 अमेरिका के सांसद व अन्य शासकीय लोगों ने मोदी का अभिवादन किया।
इस पूरे आयोजन का तथाकथित संपन्न होना इस बात का द्योतक है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नजदीक है।  नरेंद्र मोदी ऊर्जा समझौते के साथ भारतीय अमेरिकी नागरिकों के समक्ष डोनाल्ड ट्रंप को अपने साथ दिखा कर एक अप्रत्यक्ष प्रचार करने में भी सफल रहे। दोनों अपने ट्विटर अकाउंट पर एक दूसरे का अभिवादन करते नहीं थक रहे हैं।
  ' हॉऊडी मोदी' कार्यक्रम में मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद और 370 धारा का जिक्र किया और इसके बाद 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का भी जबकि अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत अभी भी चिंताजनक है। 
मोदी के हाऊडी शो पर विपक्षी नेताओं ने भी प्रश्न किए हैं व राहुल गांधी ने व्यंगात्मक तरीके से हाऊडी मोदी शो को विश्व का सबसे महंगा आयोजन बताया है जिसकी कीमत 1.4 लाख करोड़ है, यह राशि भारत के कॉर्पोरेट टैक्स कटने पर भारत को चुकानी पड़ेगी जिसकी सूचना कुछ समय पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर दी थी।
अगर हम भारत और हॉस्टन के व्यापारिक समझौते और साझेदारी को देखें तो भारत ब्राजील, चीन और मैक्सिको के बाद हॉस्टन का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। विसर्ट ट्रेड, यूएस सेंसस ब्यूरो और फॉरेन ट्रेड डिवीजन के अनुसार दोनों देशों में इस वर्ष अब तक  82.2% का व्यापार हुआ है। हॉस्टन से भारत में 106.5% का निर्यात हुआ है वहीं भारत से हॉस्टन में 48.8% का निर्यात दर्ज है। 
2009 से लेकर 2018 तक सालाना औसत डॉलर 4.8 बिलियन का व्यापार दोनों देशों के बीच हुआ है।
हाउस्टन की 85 फर्मों की सब्सिडरी भारत में है जिसमें केबीआर, नेशनल ऑयल वेल वारको जैसी कंपनियां शामिल है। वहीं भारत की 28 फर्मों की सब्सिडरी हास्टन में स्थित हैं जिसमें एचसीएल अमेरिका, जेएसडब्लयू स्टील, महिंद्रा यूएसए जैसी कंपनियां शामिल हैं।
मोदी के इस दौरे में ऊर्जा से संबंधित डॉलर 7.5 बिलियन के समझौते होने की उम्मीद है, जो भारत हास्टन के व्यापारिक साझेदारी को और मजबूत बनाएगा। 
हॉऊडी मोदी समारोह का आयोजन टेक्सेस इंडिया फोरम द्वारा किया गया जो कि एक गैर-लाभकारी संगठन है। इस संगठन का उद्देश्य भारतीय अमेरिकियों को उनके क्षेत्र से जोड़कर रखना व उन्हें आपस में संबंध बनाने के अवसर प्रदान करना है जिससे भारत और अमेरिका के आपस में संबंध और मजबूत हो। यह आयोजन भी एक अवसर के रूप में रखा गया।
इस पूरे आयोजन का खर्चा हाऊडी मोदी की वेबसाइट अनुसार दान से मिला है। इस के प्रायोजन में वॉलमार्ट, टेल्लुरियन कंपनियों के साथ भारतीय कंपनी ओयो रूम्स भी शामिल हैं। इस आयोजन कि टैगलाइन “शेयरड ड्रीम, ब्राइट फ्यूचर” रखी गई यानी साझा सपने, उज्ज्वल भविष्य जो दोनों देशों को जोड़ने की बात का प्रतीक है।
लगभग 650 समुदायों ने मोदी के स्वागत के लिए अपनी भागीदारी दी है। हॉस्टन में करीब 90900 मेट्रो इलाके में रह रहे लोग भारत में जन्मे हैं। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में 4 मिलियन भारतीयों में से 300000 हॉस्टन और डालस के नजदीक बसे हुए हैं। इतनी संख्या में भारतीयों का होना चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है इसलिए स्वयं राष्ट्रपति ट्रंप भी इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होने आए थे। पिछले चुनाव में एशियन अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड द्वारा जारी एक रिपोर्ट अनुसार 84% भारतीय अमेरिकियों ने हिलेरी क्लिंटन को अपना उम्मीदवार चुना था।
 इन आंकड़ों के अनुसार हम ट्रंप के भारतीय अमेरिकियों और भारत के प्रति व्यवहार को समझ सकते हैं। उन्होंने अपने उद्बोधन में भारत का आतंकवाद और सीमा सुरक्षा में सहयोग देने का वादा किया है। एक ट्वीट में “यूएस लव इंडिया” यानी यूएस को भारत से प्यार है भी लिखा जिसमें उन्होंने हाऊडी मोदी कार्यक्रम की तस्वीरें साझा की हैं।
हाऊडी मोदी शो के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र की सभा में उपस्थित होंगे जहां उन्हें मानव अधिकार उल्लंघन और उसके विरोध का सामना करना पड़ सकता है जो कश्मीर और असम में हो रहा है। हालांकि मोदी ने अपने हाऊडी मोदी शो के उद्बोधन में “कश्मीर में सब ठीक है” कहा है पर कई मानवाधिकार संगठनों ने हाऊडी मोदी शो का विरोध किया है। विरोध में खालिस्तानी, कश्मीरी संगठन व पाकिस्तानी संगठन शामिल थे। “आलाइंस फॉर जस्टिस फॉर अकाउंटेबिलिटी” संस्था ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने विरोध दर्ज करने का फैसला सुनाया, इस संस्था में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और दलित सभी कार्यकर्ता शामिल हैं।
“जूइश वॉइस फॉर पीस” जो अमेरिकी अल्पसंख्यक लोगों का संगठन है और “ब्लैक वॉइस मैटर” जो  अफ्रीकी अल्पसंख्यकों का संगठन है, दोनों संगठनों ने अपना विरोध प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए किया। “काउंसिल ऑफ अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन” के कार्यकारी निदेशक लुबाबह अब्दुल्लाह ने अमेरिका के शासकीय कर्मचारियों को हाऊडी मोदी शो का बहिष्कार करने का अनुरोध किया था,  भारत में हो रहे मानव अधिकार हनन के विरोध स्वरूप में। 
बर्नी सैंडर्स जो डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार हैं, “हास्टन क्रॉनिकल” अखबार के संपादकीय में हाऊडी मोदी शो की कड़ी आलोचना की।
समस्त विरोधों के बावजूद भी अमेरिका के उच्च शासकीय व राजनेता हॉऊडी मोदी शो में पहुंचे और इस आयोजन को इतना व्यापक रूप देकर प्रसारित किया गया कि हफ्तों पहले से इसकी चर्चा तमाम अखबारों और चैनलों पर आने लगी थी।
इस पूरे आयोजन से फायदा राजनैतिक उम्मीदवारों ने लिया है। उन्होंने भारतीय अमेरिकियों की आबादी को आकर्षित करने का पूरा प्रयास किया। दूसरा फायदा व्यापारियों को डॉलर 7.5 बिलियन के ऊर्जा समझौते के साथ हुआ। जिससे शायद अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन में परिवर्तित करने की उम्मीद रखी जा रही है। 
- अनुष्का तिवारी

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